Bitcoin: का ऐतिहासिक उछाल अमेरिकी कर्ज़ संकट बना निवेश का नया रास्ता

Written by: Anuj Prajapati

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Isha

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Bitcoin: कभी दुनिया में आर्थिक अनिश्चितता बढ़ती है, लोग उन साधनों की ओर देखते हैं जो उन्हें भविष्य की सुरक्षा दे सकें। ठीक ऐसा ही समय इन दिनों फिर से लौट आया है और इस बार चर्चा का केंद्र बना है बिटकॉइन। बिटकॉइन की कीमत ने एक बार फिर नया रिकॉर्ड बनाया है, लेकिन इस बार इसके पीछे कोई वायरल हाइप या ETF की उम्मीदें नहीं हैं। बल्कि, इसके पीछे छिपा है अमेरिका की बिगड़ती आर्थिक सेहत और नीतिगत जोखिमों का डर।

Bitcoin की रैली के पीछे की असली वजहें

Bitcoin: का ऐतिहासिक उछाल अमेरिकी कर्ज़ संकट बना निवेश का नया रास्ता

विशेषज्ञों की मानें तो बिटकॉइन की इस ऐतिहासिक रैली की असली वजह है अमेरिका में प्रस्तावित 5 ट्रिलियन डॉलर का कर्ज़ बढ़ाना, भारी घाटे में जा रही सरकारी खर्च की नीतियां और आने वाले दो अहम नीतिगत फैसले। ये सभी घटनाएं एक साथ मिलकर बिटकॉइन को सिर्फ एक टेक्नोलॉजिकल इनोवेशन से कहीं आगे ले जा रही हैं अब यह एक मैक्रो हेज, यानी आर्थिक जोखिमों से बचाव का एक महत्वपूर्ण विकल्प बन चुका है।

Bitcoin जुलाई में दो बड़े फैसलों पर टिकी हैं नज़रें

22 जुलाई को अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप की डिजिटल एसेट टास्क फोर्स की रिपोर्ट सामने आने वाली है और ठीक इसके आठ दिन बाद 30 जुलाई को फेडरल रिज़र्व की बैठक होने जा रही है। इन दोनों तारीखों पर दुनिया की नजरें टिकी हैं, क्योंकि ये तय करेंगी कि अमेरिका की मौद्रिक नीति किस दिशा में जाएगी।

Bitcoin बाजार में बदलाव शॉर्ट से लॉन्ग की ओर

बाजार विश्लेषकों के मुताबिक, बिटकॉइन में निवेश करने वालों का नज़रिया भी अब बदल चुका है। पहले जहां कॉल ऑप्शन की बिक्री हो रही थी, अब निवेशक भारी मात्रा में कॉल खरीद रहे हैं। जुलाई महीने का मौसमी असर भी सकारात्मक रहा है और बिटकॉइन ने जब प्रमुख रेज़िस्टेंस को पार किया, तब शॉर्ट पोज़िशन में 1 अरब डॉलर से ज़्यादा की लिक्विडेशन देखी गई।

अब ब्लॉकचेन नहीं, Bitcoin है ग्लोबल वैल्यू स्टोर

Bitcoin बाजार रिपोर्ट्स में साफ कहा गया है कि अब बिटकॉइन केवल ब्लॉकचेन पर आधारित क्रिप्टोकरेंसी नहीं रह गया है। यह अब एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भरोसेमंद वैल्यू स्टोर के रूप में उभर रहा है एक ऐसा ठिकाना, जो सरकारों की बेलगाम खर्च नीतियों के बीच स्थिरता और सुरक्षा का वादा करता है।

Bitcoin के लिए एक नए युग की शुरुआत

Bitcoin: का ऐतिहासिक उछाल अमेरिकी कर्ज़ संकट बना निवेश का नया रास्ता

2 जुलाई को बिटकॉइन के तकनीकी ट्रेंड मॉडल में एक बुलिश सिग्नल दर्ज किया गया था, और उसी दिन इसकी कीमत ने नई ऊंचाई छू ली। इसके साथ ही इंस्टीट्यूशनल निवेश और लॉन्ग-टर्म कैपिटल फ्लो से यह भी साफ हो गया कि इस बार की रैली केवल शॉर्ट-टर्म स्पेकुलेशन की वजह से नहीं हो रही है।

यह दौर बिटकॉइन के लिए एक नए अध्याय की शुरुआत हो सकती है जहां यह सिर्फ डिजिटल सोना नहीं, बल्कि आर्थिक उथल-पुथल में स्थायित्व देने वाला विकल्प बन सकता है। ऐसे समय में जब सरकारें कर्ज़ के सहारे अपनी नीतियां चला रही हैं, बिटकॉइन उन कुछ गिने-चुने साधनों में शामिल हो सकता है, जो इस मौद्रिक विस्तार के बीच लाभ में रहेंगे।

Disclaimer: यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें उल्लिखित विचार थर्ड पार्टी विश्लेषकों के हैं और यह किसी भी प्रकार की वित्तीय सलाह नहीं है। कृपया निवेश से पहले विशेषज्ञों की सलाह अवश्य लें।

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Anuj Prajapati

मैं अनुज प्रजापति हूँ, Patrika Times में मैनेजर और सीनियर राइटर के तौर पर काम करता हूँ। मैं ऑटो, टेक और एंटरटेनमेंट जैसे विषयों पर लेख लिखता हूँ। मुझे नई चीज़ों पर लिखना पसंद है और मैं कोशिश करता हूँ कि हर आर्टिकल पाठकों के लिए जानकारी से भरपूर और आसान हो।

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