गणेश चतुर्थी का पावन पर्व हर साल भक्ति, उल्लास और पर्यावरण के प्रति नई जागरूकता लेकर आता है। इस बार Ganesh Chaturthi 2025 का त्योहार 27 अगस्त को मनाया जाएगा। गणपति बप्पा के स्वागत की तैयारियों में बाजार रंग-बिरंगे गणेश प्रतिमाओं से भरे हुए हैं। लेकिन इस बार लोग पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए मिट्टी के गणेश जी और घर पर बनी इको-फ्रेंडली मूर्तियों को ज्यादा पसंद कर रहे हैं।
क्यों बढ़ रही है इको-फ्रेंडली गणेश मूर्ति की मांग?
पिछले कुछ वर्षों में लोगों ने महसूस किया है कि Plaster of Paris Ganesh idols और केमिकल कलर्स से बनी मूर्तियां पानी और वातावरण को गंभीर नुकसान पहुंचाती हैं। immersion (विसर्जन) के बाद नदियों और तालाबों में प्रदूषण बढ़ जाता है। ऐसे में लोग अब अपने घर पर Eco Friendly Ganesh Idol बनाने लगे हैं। यह न सिर्फ पर्यावरण के लिए सुरक्षित है, बल्कि धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से भी अधिक पवित्र माना जाता है।

इसके अलावा, मिट्टी की मूर्ति आसानी से घुल जाती है और जल प्रदूषण नहीं फैलाती। यही कारण है कि इको-फ्रेंडली गणेश मूर्ति बनाने का ट्रेंड तेजी से बढ़ रहा है।
घर पर मिट्टी से गणेश जी कैसे बनाएं?
अगर आप बप्पा का स्वागत खुद के हाथों से करना चाहते हैं तो Mitti se Ganesh Murti बनाना एक बेहतरीन विकल्प है। इसे बनाने के लिए कुछ आसान चीजों की जरूरत होगी
- साफ की हुई मिट्टी या गेहूं का आटा
- पानी
- हल्दी, चंदन, गेरू
- फूलों की पंखुड़ियां
- पेंटब्रश
Ganesh Idol Making at Home के आसान स्टेप्स इस प्रकार हैं:
- मिट्टी को अच्छे से छानकर उसमें थोड़ा-थोड़ा पानी मिलाएँ और नरम आटा तैयार करें।
- एक बड़ा गोला बनाकर गणपति जी का पेट और शरीर तैयार करें।
- छोटे गोले बनाकर सिर, कान, हाथ और पैर जोड़ें।
- लंबा टुकड़ा लेकर सूंड बनाएं और एक छोटा लड्डू हाथों में रखें।
- मुकुट और आभूषण की डिजाइन बनाएं।
- रंग भरने के लिए हल्दी और गेरू का इस्तेमाल करें।
- मूर्ति को 1–2 दिन छांव में सुखा दें।
यह तरीका बेहद आसान और किफायती है, जिसे कोई भी घर पर कर सकता है। यही वजह है कि अब लोग DIY Ganesh Idol बनाना पसंद कर रहे हैं।
Easy Ganesh Idol Making क्यों है खास?
त्योहार का सबसे बड़ा आकर्षण भगवान गणेश की मूर्ति ही होती है। जब आप अपने हाथों से Easy Ganesh Idol Making करते हैं तो उसमें श्रद्धा और आत्मीयता और भी बढ़ जाती है। यह बच्चों के लिए भी एक अच्छा एक्टिविटी बन सकती है, जिससे वे संस्कृति और परंपरा से जुड़ें।

Ganesh murti banane ka tarika न सिर्फ आसान है, बल्कि इससे परिवार में एक साथ बैठकर त्योहार की तैयारी का आनंद भी दोगुना हो जाता है। यही कारण है कि हर साल लोग “इको-फ्रेंडली गणेश” और “मिट्टी के गणेश” की डिमांड बढ़ा रहे हैं।
पर्यावरण और परंपरा दोनों का संतुलन
आज के समय में यह जरूरी है कि हम परंपरा के साथ-साथ प्रकृति का भी सम्मान करें। Mitti ke Ganesh ji का सबसे बड़ा लाभ यही है कि यह आसानी से पानी में घुल जाते हैं और प्रदूषण नहीं फैलाते। इस बार कई शहरों में Ganesh Chaturthi Special कैंप भी लगाए जा रहे हैं जहां लोगों को इको-फ्रेंडली गणेश मूर्ति बनाना सिखाया जा रहा है।
भारत के बड़े शहरों में “Green Celebration” का ट्रेंड तेजी से बढ़ रहा है। लोग अब “Eco-Friendly Festival” और “Go Green Celebration” जैसे कॉन्सेप्ट को अपनाते हुए प्रकृति और श्रद्धा के बीच संतुलन बना रहे हैं।
Ganesh Chaturthi 2025 केवल पूजा का पर्व नहीं है, बल्कि यह हमें प्रकृति के प्रति जिम्मेदारी निभाने का भी संदेश देता है। अगर आप इस साल बप्पा को घर ला रहे हैं, तो कोशिश करें कि उनकी मूर्ति मिट्टी से खुद बनाएं। इससे आपका त्योहार और भी पवित्र होगा और साथ ही आने वाली पीढ़ियों को यह संदेश मिलेगा कि धर्म और पर्यावरण साथ-साथ चल सकते हैं।