Ganesh Ji Ki Aarti Lyrics: गणपति आरती का महत्व, पूरा गीत

हर शुभ काम की शुरुआत भगवान गणपति की पूजा से होती है। मान्यता है कि Ganesh Ji Ki Aarti पढ़ने और गाने से मन को शांति मिलती है और घर-परिवार में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। भक्त यह भी मानते हैं कि नियमित रूप से Ganesh Ji Ki Aarti से जीवन की सभी बाधाएँ दूर होती हैं और सुख-समृद्धि बढ़ती है। यही कारण है कि गणपति बप्पा की आरती हर भक्त को याद रहनी चाहिए और इसे रोज़ाना पूजा में शामिल करना बेहद शुभ माना जाता है।

गणेश जी की आरती (Ganesh Ji Ki Aarti)

जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥

एक दंत दयावंत,
चार भुजा धारी ।
माथे सिंदूर सोहे,
मूसे की सवारी ॥

जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥

पान चढ़े फल चढ़े,
और चढ़े मेवा ।
लड्डुअन का भोग लगे,
संत करें सेवा ॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥

अंधन को आंख देत,
कोढ़िन को काया ।
बांझन को पुत्र देत,
निर्धन को माया ॥
जय गणेश जय गणेश,

जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥

‘सूर’ श्याम शरण आए,
सफल कीजे सेवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥

जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥

दीनन की लाज रखो,
शंभु सुतकारी ।
कामना को पूर्ण करो,
जाऊं बलिहारी ॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥

गणेश आरती में भूलकर भी न करें ये गलतियां

  1. स्वच्छता रखें – आरती से पहले स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।
  2. दीपक सही जलाएँ – घी या शुद्ध तेल का दीपक ही उपयोग करें।
  3. दक्षिणावर्त दिशा – आरती हमेशा घड़ी की दिशा में करें।
  4. एकाग्र रहें – पूजा के समय मोबाइल या बातचीत से बचें।
  5. दीपक की लौ दिखाएँ – आरती के बाद परिवारजनों को दीपक दिखाना शुभ है।
  6. श्रद्धा का भाव – हंसी-मजाक या जल्दबाजी न करें, भक्ति और शांति से आरती गाएँ।