Delhi NCR Expressway: दिल्ली-एनसीआर में यातायात को सुगम बनाने के लिए Expressway का निर्माण किया जाएगा। यह नया एक्सप्रेसवे 30 किलोमीटर लंबा होगा और जेवर एयरपोर्ट से निकलकर सीधे दिल्ली तक जाएगा। इस परियोजना का उद्देश्य नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे के मार्ग पर होने वाले जाम को कम करना है। केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने इस प्रोजेक्ट को फंडिंग देने की घोषणा की है और इसे एनसीआर में विकास की दिशा में एक बड़ा कदम बताया गया है।
Delhi NCR Expressway: नया एक्सप्रेसवे किस मार्ग से गुजरेगा
इस नए रोड का मार्ग नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे के समानांतर बनाया जाएगा। यह यमुना नदी को पार करते हुए पुस्ता रोड से दिल्ली से जुड़ेगा। इससे दिल्ली और जेवर एयरपोर्ट के बीच की दूरी तय करने का समय वर्तमान 2 घंटे से घटकर महज 30 मिनट हो जाएगा।
यह मार्ग खासतौर पर जेवर एयरपोर्ट के लिए डिज़ाइन किया गया है। यूपी सरकार के अनुसार, 2025 के अंत तक जेवर एयरपोर्ट पर परिचालन शुरू होने की संभावना है। इसलिए यह नया एक्सप्रेसवे समय पर यातायात बढ़ने की स्थिति में आवश्यक साबित होगा।
वाहनों के दबाव और जाम की समस्या
नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर वर्तमान में भारी वाहनों का दबाव है। रोजाना लगभग 5 लाख वाहन इस मार्ग से गुजरते हैं। सिर्फ डीएनडी रोड से ही करीब 2 लाख वाहन गुजरते हैं। इसके अलावा चिल्ला बॉर्डर, कालिंदी कुंज और नोएडा के सेक्टर्स 15,16,18 और 37 से भी वाहन इस मार्ग पर आते हैं।
पीक आवर में जाम की स्थिति आम बात है। नया एक्सप्रेसवे दिल्ली से आने वाले वाहनों को बिना जाम में फंसे जेवर एयरपोर्ट तक पहुँचाएगा। इससे नोएडा और ग्रेटर नोएडा में यात्रा करना अधिक सुविधाजनक और समय की बचत करने वाला होगा।
जेवर एयरपोर्ट से कनेक्टिविटी

जेवर एयरपोर्ट से दिल्ली तक बनने वाले इस नए एक्सप्रेसवे से हवाई अड्डे तक की दूरी तेजी से तय की जा सकेगी। New expressway की मांग लंबे समय से चली आ रही थी। यह प्रोजेक्ट न केवल यात्रियों के लिए आसान होगा, बल्कि व्यापार और लॉजिस्टिक्स में भी महत्वपूर्ण योगदान देगा।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के अनुसार यह रोड दिल्ली-एनसीआर में विकास की नई राह तैयार करेगा। यमुना एक्सप्रेसवे और नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे के साथ चलकर यह मार्ग ट्रैफिक की समस्या को काफी हद तक हल करेगा।
फंडिंग और सरकार की योजना
नई सड़क परियोजना में कुल मिलाकर कई हज़ार करोड़ रुपये का निवेश होगा। एनसीआर में लगभग 1.20 लाख करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट चल रहे हैं, जिनका आधा काम पूरा हो चुका है। आने वाले समय में सरकार 40-50 हजार करोड़ रुपये का और निवेश करने के लिए तैयार है। नोएडा अथॉरिटी ने मार्च 2025 में इस नए एक्सप्रेसवे की मंजूरी दे दी थी। परियोजना की जिम्मेदारी एनएचएआई को सौंपी जा सकती है ताकि केंद्र और अन्य स्रोत से मिलने वाले फंड का सही इस्तेमाल किया जा सके।
नोएडा और ग्रेटर नोएडा में ट्रैफिक का वर्तमान हाल
नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर भारी ट्रैफिक के कारण जाम आम बात है। पीक आवर में कई बार वाहनों को घंटे लग जाते हैं। इस वजह से यात्रियों और व्यापारिक गतिविधियों पर असर पड़ता है। नई सड़क के बनने से नोएडा और ग्रेटर नोएडा के बीच की यात्रा तेज और सुरक्षित होगी। साथ ही, यह जेवर एयरपोर्ट के संचालन को भी सहज बनाएगा।
दिल्ली एनसीआर में विकास का नया मार्ग
यह नया एक्सप्रेसवे सिर्फ यात्रा को आसान नहीं बनाएगा, बल्कि दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में विकास की दिशा में भी सहायक होगा। नई सड़क परियोजना के कारण रियल एस्टेट, व्यवसाय और लॉजिस्टिक्स सेक्टर में भी गति आएगी। यातायात और कनेक्टिविटी में सुधार से नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे के आसपास के क्षेत्रों में निवेश बढ़ेगा।
पर्यावरण और सुरक्षा पहल
सड़क निर्माण में पर्यावरण और सुरक्षा को ध्यान में रखा जाएगा। यमुना नदी के समानांतर मार्ग होने के कारण निर्माण कार्य में पर्यावरण संरक्षण के उपाय अपनाए जाएंगे। साथ ही, रोड पर आधुनिक सुरक्षा सुविधाओं के साथ वाहन चालकों की सुरक्षा पर भी ध्यान दिया जाएगा।
परियोजना में सड़कों के चौड़े लेन, स्ट्रक्चरल ब्रिज और यातायात संकेतों के माध्यम से ट्रैफिक नियंत्रण को बेहतर बनाया जाएगा।
Also read:
Kudmi Community Protest अपडेट – समुदाय की भाषा मान्यता की मांग पर ट्रेनें प्रभावित
State Forest Sports विजेताओं की घोषणा: जानें कौन बना राष्ट्रीय टीम का हिस्सा
Bihar ने रचा इतिहास अब दौड़ रही हैं वंदे भारत, अमृत भारत और नमो भारत ट्रेनें