Air India crash: जब कोई अपना किसी हादसे में चला जाता है, तो उसका दर्द सिर्फ उसके परिवार तक सीमित नहीं रहता, बल्कि एक देश की आत्मा भी घायल हो जाती है। ऐसा ही कुछ 12 जून को हुआ, जब एयर इंडिया की फ्लाइट AI171 के दुर्घटनाग्रस्त होने की खबर ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। इस Air India crash में 260 से अधिक लोगों की जान चली गई और अब जो जानकारी सामने आ रही है, वह और भी चौंकाने वाली है।
कॉकपिट से आई आवाज़ ने खोला राज
Air India crash हाल ही में रॉयटर्स की एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि इस विमान दुर्घटना से ठीक पहले कॉकपिट से रिकॉर्ड हुई एक आवाज़ में यह संकेत मिला है कि विमान के कप्तान ने खुद ही इंजन के ईंधन सप्लाई को बंद कर दिया था। यह दावा अमेरिका के अधिकारियों ने किया है जो इस जांच में शामिल हैं। यह जानकारी अब तक की जांच में एक नया मोड़ लेकर आई है।
शुरुआती जांच में क्या मिला
हालांकि ये जानकारी अभी किसी आधिकारिक दस्तावेज का हिस्सा नहीं बनी है, लेकिन अमेरिकी जांचकर्ता इसे हादसे की संभावित वजह मान रहे हैं। विमान के ब्लैक बॉक्स से मिली जानकारी और कॉकपिट वॉइस रिकॉर्डिंग के आधार पर यह समझा जा रहा है कि टेक-ऑफ के समय फर्स्ट ऑफिसर विमान को उड़ा रहे थे, और उन्होंने कप्तान से पूछा था कि आखिर उन्होंने फ्यूल स्विच ‘RUN’ से ‘CUTOFF’ पर क्यों कर दिया। यह स्थिति इंजन में ईंधन की आपूर्ति को रोक देती है, जिससे इंजन बंद हो सकते हैं।
Air India crash पायलटों के बीच संवाद
Air India crash जांच एजेंसी AAIB की ओर से 12 जुलाई को जारी की गई शुरुआती रिपोर्ट में भी यह बात सामने आई है कि एक पायलट ने दूसरे से पूछा था कि फ्यूल कट क्यों किया गया। जवाब में इनकार किया गया, लेकिन रिपोर्ट में यह साफ नहीं किया गया कि यह संवाद किस पायलट ने किया। विमान को उड़ा रहे दो पायलटों में से एक कैप्टन सुमीत सभरवाल थे, जिनके पास 15,638 घंटे की उड़ान का अनुभव था, और दूसरे थे फर्स्ट ऑफिसर क्लाइव कुंदर, जिनके पास 3,403 घंटे की उड़ान का अनुभव था।
तकनीकी पहलुओं पर भी सवाल
AAIB की शुरुआती रिपोर्ट से पता चलता है कि टेक-ऑफ के कुछ सेकेंड बाद ही दोनों इंजनों के फ्यूल स्विच ‘RUN’ से ‘CUTOFF’ कर दिए गए थे, जिससे इंजन को ईंधन मिलना बंद हो गया। हालांकि, ऐसा क्यों किया गया, इसकी वजह अब तक साफ नहीं हो पाई है। एयरपोर्ट की CCTV फुटेज में यह भी दिखा कि विमान में ‘रैम एयर टरबाइन’ एक्टिवेट हुई, जो आमतौर पर तभी होती है जब इंजन की शक्ति खत्म हो जाती है।
Air India crash विमान ने कैसे ली आखिरी सांस
टेक-ऑफ के बाद विमान महज़ 650 फीट तक ऊंचा उठ सका, फिर वह नीचे गिरने लगा। कुछ समय बाद फ्यूल स्विच फिर से ‘RUN’ मोड में कर दिए गए और इंजन दोबारा स्टार्ट होने लगे, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। विमान ने पेड़ों और एक चिमनी से टकराते हुए पास के मेडिकल कॉलेज की इमारत से जा टकराया। इस हादसे में विमान में सवार 242 यात्रियों में से 241 की मौत हो गई, साथ ही जमीन पर भी 19 लोगों की जान गई।
मीडिया की भूमिका और एएआईबी की नाराजगी
AAIB ने 17 जुलाई को कुछ अंतरराष्ट्रीय मीडिया संस्थानों की आलोचना की, जिन्होंने “चयनात्मक और अपुष्ट रिपोर्टिंग” के आधार पर निष्कर्ष निकालने की कोशिश की। उन्होंने दोहराया कि जांच अभी भी जारी है और अंतिम रिपोर्ट आने में एक साल का समय लग सकता है, जो कि अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार सामान्य प्रक्रिया है।
Air India crash बोइंग और GE पर कोई दोष नहीं
Air India के CEO कैंपबेल विल्सन ने 14 जुलाई को एक आंतरिक ज्ञापन में यह स्पष्ट किया कि अभी तक किसी तरह की तकनीकी या मेंटनेंस की लापरवाही की पुष्टि नहीं हुई है। इस कारण रिपोर्ट में बोइंग या इंजन निर्माता General Electric के खिलाफ कोई विशेष सुरक्षा सिफारिशें नहीं दी गई हैं।
कॉकपिट कैमरे को लेकर फिर उठा सवाल
Air India crash इस हादसे के बाद एक बार फिर से यह बहस तेज हो गई है कि क्या अब सभी विमानों में कॉकपिट इमेज रिकॉर्डिंग अनिवार्य कर दी जानी चाहिए। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर वीडियो रिकॉर्डिंग उपलब्ध होती, तो यह जानने में आसानी होती कि वास्तव में स्विच किसने और क्यों बदले। Air India crash न केवल तकनीकी बल्कि मानवीय भूल की भी संभावना को दर्शाता है। हालांकि अंतिम रिपोर्ट का इंतज़ार किया जा रहा है, लेकिन अब तक जो जानकारी सामने आई है, वह यह सोचने पर मजबूर करती है कि क्या ऐसी दुर्घटनाएं रोकी जा सकती थीं। एक छोटी सी गलती, एक पल की चूक, और सैकड़ों जिंदगियां हमेशा के लिए खो जाती हैं।
डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स और सार्वजनिक स्रोतों पर आधारित है। आधिकारिक जांच एजेंसियों की अंतिम रिपोर्ट के बाद ही इस हादसे के असली कारणों की पुष्टि हो सकेगी। हमारा उद्देश्य केवल सूचना प्रदान करना है, किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचाना नहीं।
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