CIBIL Score: आज के समय में हर किसी को कभी न कभी लोन की ज़रूरत पड़ती है। चाहे घर बनाने का सपना हो, पढ़ाई का खर्च हो, गाड़ी खरीदनी हो या फिर किसी बिज़नेस को शुरू करना हो लोन लेना आम जिंदगी का हिस्सा बन चुका है। लेकिन जब भी लोन की बात आती है तो सबसे पहले CIBIL स्कोर का नाम सामने आता है। लंबे समय से यही माना जाता रहा है कि बिना अच्छे सिबिल स्कोर के लोन मिलना लगभग नामुमकिन है।
ऐसे में पहली बार लोन लेने वालों के लिए यह सबसे बड़ी परेशानी बन जाती थी, क्योंकि उनका कोई क्रेडिट इतिहास ही नहीं होता। लेकिन अब सरकार की ओर से एक बड़ी राहत देने वाली खबर सामने आई है।
पहली बार लोन लेने वालों के लिए राहत

सरकार ने साफ किया है कि पहली बार लोन लेने वालों के लिए सिबिल स्कोर अनिवार्य नहीं है। यानी अगर आपने पहले कभी लोन नहीं लिया और अब पहली बार किसी बैंक या वित्तीय संस्था से कर्ज लेना चाहते हैं, तो आपका क्रेडिट स्कोर न होना अब रुकावट नहीं बनेगा। यह कदम उन युवाओं और नए उधारकर्ताओं के लिए बड़ी राहत है जो अपने करियर या जिंदगी की शुरुआत में वित्तीय मदद लेना चाहते हैं।
सिबिल स्कोर क्यों होता है जरूरी
सिबिल स्कोर को आमतौर पर उधार देने वाले बैंक और वित्तीय संस्थान एक तरह की सुरक्षा के रूप में देखते हैं। यह स्कोर बताता है कि आपने पहले लिए गए कर्ज को कितनी ईमानदारी से चुकाया है। अगर स्कोर अच्छा है तो बैंक को भरोसा होता है कि आप भविष्य में भी समय पर किस्तें भरेंगे। लेकिन जिन लोगों ने कभी लोन लिया ही नहीं, उनके लिए यह स्कोर उपलब्ध नहीं होता। ऐसे में बैंक अक्सर उन्हें लोन देने से हिचकिचाते थे।
सरकार का नजरिया
सरकार का कहना है कि पहली बार लोन लेने वालों को इस वजह से परेशान नहीं होना चाहिए कि उनके पास कोई सिबिल स्कोर नहीं है। नए उधारकर्ताओं के लिए बैंक और NBFC (नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियां) अन्य कारकों जैसे आय, नौकरी, वित्तीय स्थिरता और पुनर्भुगतान की क्षमता को देखकर लोन देने का निर्णय लेंगी। यह कदम वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देगा और अधिक से अधिक लोगों को औपचारिक बैंकिंग व्यवस्था से जोड़ने में मदद करेगा।
युवाओं और नए उधारकर्ताओं के लिए अवसर
यह बदलाव खासतौर पर युवाओं के लिए फायदेमंद है। जैसे ही वे नौकरी या बिज़नेस शुरू करते हैं, उन्हें अक्सर पैसे की जरूरत पड़ती है। पहले क्रेडिट स्कोर न होने के कारण वे लोन पाने में कठिनाई महसूस करते थे। अब वे आसानी से बैंक और वित्तीय संस्थाओं से संपर्क कर सकते हैं और अपनी जरूरतों के अनुसार लोन ले सकते हैं। इससे न सिर्फ उनकी व्यक्तिगत जरूरतें पूरी होंगी बल्कि रोजगार और उद्यमिता को भी बढ़ावा मिलेगा।
बाजार और अर्थव्यवस्था पर असर
पहली बार लोन लेने वालों को सिबिल स्कोर की अनिवार्यता से छूट देने का असर सीधा अर्थव्यवस्था पर भी पड़ेगा। इससे बैंकिंग सेक्टर में नए ग्राहकों की संख्या बढ़ेगी। जब ज्यादा लोग लोन लेंगे तो बाजार में मांग भी बढ़ेगी और आर्थिक गतिविधियों को रफ्तार मिलेगी। यह कदम छोटे व्यापारियों, स्टार्टअप्स और छात्रों के लिए भी वरदान साबित हो सकता है।
जिम्मेदारी भी उतनी ही जरूरी
हालांकि यह राहत बड़ी खबर है, लेकिन इसके साथ जिम्मेदारी भी उतनी ही महत्वपूर्ण है। पहली बार लोन लेने वालों को यह समझना होगा कि समय पर किस्त चुकाना बेहद जरूरी है। अगर शुरुआत में ही भुगतान में लापरवाही की जाती है तो भविष्य में उनका क्रेडिट स्कोर खराब हो जाएगा और आगे चलकर लोन पाना मुश्किल हो सकता है। इसलिए यह जरूरी है कि लोग सोच-समझकर ही लोन लें और उसे समय पर चुकाने का प्रयास करें।
आसान होगी लोन की राह

कुल मिलाकर सरकार का यह फैसला लाखों नए उधारकर्ताओं के लिए राहत की खबर है। अब पहली बार लोन लेने वालों को सिबिल स्कोर की चिंता करने की जरूरत नहीं है। वे अपनी आय और क्षमता के आधार पर आसानी से लोन प्राप्त कर सकते हैं। यह न केवल व्यक्तिगत स्तर पर सहायक होगा बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती देगा।
डिस्क्लेमर: इस आर्टिकल में दी गई जानकारी सामान्य समाचार और सरकारी बयानों पर आधारित है। किसी भी तरह का वित्तीय निर्णय लेने से पहले संबंधित बैंक या वित्तीय संस्था से पूरी जानकारी अवश्य प्राप्त करें।
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