Gold Price Surge 2025: महंगे दामों के बावजूद भारतीयों की सोने की लत कैसे बनी रहेगी

Gold Price Surge: भारत में सोने का शौक किसी से छिपा नहीं है। हर भारतीय परिवार के लिए सोना सिर्फ़ आभूषण नहीं, बल्कि सुरक्षा और निवेश का भी प्रतीक है। लेकिन 2025 में सोने की कीमतें अब तक की सबसे ऊंची सीमा पर पहुँच चुकी हैं। 10 ग्राम 24 कैरेट सोने की कीमत अब 1 लाख रुपये से भी ऊपर हो गई है। ऐसे में सवाल उठता है कि इस त्योहारी सीजन में भारतीय सोने की परंपरा को जारी रखेंगे या महंगे दामों की वजह से खरीदारी कम हो जाएगी।

2025 में सोने की कीमतें और बढ़ोतरी

Gold Price Surge 2025: महंगे दामों के बावजूद भारतीयों की सोने की लत कैसे बनी रहेगी

2025 की शुरुआत से ही सोने के दाम लगातार बढ़ते जा रहे हैं। पिछले साल की तुलना में इस साल 24 कैरेट 10 ग्राम सोने की कीमत में 50% की वृद्धि हुई है। उदाहरण के लिए, सितंबर 2024 में 10 ग्राम सोने की कीमत लगभग 73,000 रुपये थी, जो अब 1,09,388 रुपये तक पहुँच गई है। वैश्विक बाजार में भी सोने की कीमत $3,700 प्रति औंस है, जो पिछले साल की तुलना में लगभग दोगुनी है।

विशेषज्ञों का कहना है कि कीमतों में यह उछाल मुख्यतः वैश्विक राजनीतिक अस्थिरता, मध्य-पूर्व की तनावपूर्ण स्थिति और अमेरिका के आर्थिक नीतियों के कारण हुआ है। रूस-यूक्रेन युद्ध और अन्य भू-राजनीतिक घटनाओं ने निवेशकों को सुरक्षित संपत्ति की ओर खींचा, जिससे सोने की मांग और कीमतें दोनों बढ़ीं।

त्योहारी सीजन में भारतीयों की सोने की आदतें

भारत में सोने की परंपरा बेहद मजबूत है। शादियों, दशहरा और दीवाली के दौरान भारत की वार्षिक सोने की बिक्री का लगभग एक-तिहाई हिस्सा होता है। सोना न केवल धन और संपत्ति का प्रतीक है, बल्कि इसे धार्मिक और शुभ मानकर भी खरीदा जाता है।

2025 का त्योहारी मौसम इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर हैं। हालांकि, फिजिकल निवेश, जैसे कि बार और सिक्के, अब भी मांग में हैं। Titan ज्वेलरी डिवीजन के CEO के अनुसार प्रीमियम और लक्ज़री सेगमेंट में मांग स्थिर बनी हुई है, जबकि मध्यम दामों वाले गहनों की बिक्री पर असर देखा गया है।

भारत की सोने की स्थिति और आयात

भारत सोने का सबसे बड़ा उपभोक्ता है और साथ ही बड़ा आयातक भी है। अगस्त 2025 में भारत का सोने का आयात कई महीनों के उच्चतम स्तर पर पहुँच गया, जो त्योहारी मांग को पूरा करने और घरेलू बाजार में संतुलन बनाए रखने के लिए किया गया।

इसके अलावा, भारत के सोने के भंडार में भी वृद्धि हुई है और अब यह 880 टन तक पहुँच गया है। सोने का हिस्सा विदेशी मुद्रा भंडार में 12.5% तक बढ़ गया है, जो पिछले साल की तुलना में काफी अधिक है।

सोने की बढ़ती कीमतों के बावजूद खरीदारी का रुझान

चाहे सोने की कीमतें आसमान छू रही हों, भारतीय त्योहारी सीजन में सोने की परंपरा नहीं छोड़ते। विशेषज्ञ मानते हैं कि त्योहारी सीजन में सोने की मांग में वृद्धि होगी, विशेष रूप से सिक्के और बार के लिए। निवेशक और परिवार सोने को लंबे समय के वित्तीय सुरक्षा और शादी-ब्याह जैसी जरूरतों के लिए खरीदते हैं।

इस बार 2025 में, एक तरफ कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर हैं, वहीं दूसरी ओर त्योहारी उत्साह और निवेश की भावना खरीदारी को बढ़ावा दे सकती है।

सोने की कीमतों में वृद्धि के कारण

Gold Price Surge 2025: महंगे दामों के बावजूद भारतीयों की सोने की लत कैसे बनी रहेगी

सोने की कीमतों में उछाल का मुख्य कारण वैश्विक परिस्थितियाँ हैं। रूस-यूक्रेन युद्ध, मध्य-पूर्व की तनावपूर्ण स्थिति और अमेरिका की आर्थिक नीतियों ने निवेशकों को सुरक्षित संपत्ति की ओर आकर्षित किया। अमेरिकी फेड की ब्याज दर में कमी ने भी जोखिमपूर्ण संपत्तियों को बढ़ावा दिया, जबकि सोने को सुरक्षित निवेश माना गया।

सोना भारत के लिए सिर्फ आभूषण नहीं, बल्कि निवेश और सुरक्षा का प्रतीक है। 2025 के त्योहारी सीजन में भले ही कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर हैं, लेकिन भारतीयों का सोने का प्रेम अभी भी कायम है। यह देखना रोचक होगा कि महंगे दामों के बावजूद त्योहारी मौसम में कितनी मांग बनी रहती है।

Disclaimer: यह लेख केवल जानकारी और बाजार विश्लेषण पर आधारित है। निवेश करने से पहले वित्तीय सलाहकार से सलाह लेना जरूरी है।

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