Indian Diplomat: संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में शुक्रवार को भारत और पाकिस्तान के बीच जुबानी जंग देखने को मिली। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री Shehbaz Sharif ने भारत पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह शांति वार्ता के लिए तैयार हैं। लेकिन भारत ने उनके बयान को “बेहूदा नाटक” करार देते हुए साफ कहा कि जब तक पाकिस्तान अपनी जमीन पर आतंकी ठिकाने खत्म नहीं करता और वांछित आतंकियों को भारत के हवाले नहीं करता, तब तक किसी भी तरह की शांति वार्ता संभव नहीं है।
भारत का दो टूक रुख आतंकवाद खत्म किए बिना नहीं होगी बातचीत

भारत ने UN के मंच पर यह स्पष्ट किया कि उसकी सबसे बड़ी चिंता आतंकवाद है। भारत ने कहा कि पाकिस्तान दशकों से आतंकी संगठनों को शरण और समर्थन देता आया है। ऐसे में शांति वार्ता की कोई भी कोशिश तभी कारगर होगी, जब पाकिस्तान ठोस कदम उठाए।
विशेषज्ञों का मानना है कि भारत का यह रुख सिर्फ पाकिस्तान तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरी दुनिया को संदेश देता है कि आतंकवाद किसी एक देश की समस्या नहीं बल्कि वैश्विक खतरा है। भारत बार-बार यह कह रहा है कि जब तक आतंकवाद का खात्मा नहीं होता, तब तक कोई भी peace talks सार्थक नहीं होंगी। यही कारण है कि भारत की विदेश नीति अब ज्यादा दृढ़ और स्पष्ट दिखाई दे रही है।
पाकिस्तान के दावे और भारत की प्रतिक्रिया
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में भारत पर आक्रामक रवैया अपनाने का आरोप लगाया और कहा कि वे सभी लंबित मुद्दों पर बातचीत के लिए तैयार हैं। उन्होंने हाल के “ऑपरेशन सिंदूर” का ज़िक्र करते हुए दावा किया कि पाकिस्तान ने जीत हासिल की।
भारत ने इन दावों को सिरे से खारिज कर दिया और कहा कि पाकिस्तान का इतिहास झूठे नैरेटिव गढ़ने का रहा है। भारत ने याद दिलाया कि पाकिस्तान ने ओसामा बिन लादेन जैसे आतंकी को सालों तक अपनी धरती पर पनाह दी और आज भी कई आतंकी समूहों को समर्थन दे रहा है। यह प्रतिक्रिया बताती है कि भारत अब खुलकर पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंच पर बेनकाब कर रहा है।
भारतीय कूटनीतिज्ञ का जवाब पाकिस्तान का पर्दाफाश
इस मौके पर भारतीय प्रतिनिधिमंडल की ओर से Petal Gahlot ने पाकिस्तान के बयानों का जवाब दिया। यह पहली बार नहीं है जब किसी Indian Diplomat ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में पाकिस्तान को कड़ी फटकार लगाई हो। गहलोत ने शरीफ के भाषण को “निरर्थक नाटक” करार दिया और कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद को खुले तौर पर बचाव करता है।
उन्होंने यह भी बताया कि पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन TRF ने इसी साल पहलगाम हमले की जिम्मेदारी ली थी। इसके बावजूद पाकिस्तान ने इस समूह का बचाव किया। गहलोत के इस बयान ने न केवल भारत की स्थिति को मजबूत किया, बल्कि दुनिया को यह भी याद दिलाया कि पाकिस्तान की धरती से आतंकवाद कैसे फल-फूल रहा है।
संयुक्त राष्ट्र में भारत की बढ़ती साख
भारत ने संयुक्त राष्ट्र में लगातार यह मुद्दा उठाया है कि आतंकवाद पूरी दुनिया के लिए खतरा है। आज भारत की छवि एक ऐसे राष्ट्र की है जो न केवल अपने लिए बल्कि पूरी दुनिया की शांति और स्थिरता के लिए खड़ा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि भारत की विदेश नीति अब पहले से कहीं अधिक आत्मविश्वासी है। चाहे सीमा विवाद हों, युद्धविराम उल्लंघन या वार्ता के प्रस्ताव भारत का स्टैंड साफ है कि आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले देशों के साथ कोई समझौता नहीं होगा। इसीलिए भारत का संदेश वैश्विक global stage पर और भी गंभीरता से लिया जा रहा है।
भारत-पाकिस्तान संबंध अनिश्चित राह
भारत और Indian Diplomat के रिश्ते हमेशा से उतार-चढ़ाव भरे रहे हैं। कई बार शांति प्रक्रिया शुरू हुई लेकिन हर बार सीमा पार आतंकवाद ने उसे पटरी से उतार दिया। इस बार भी पाकिस्तान ने बातचीत की पेशकश की, लेकिन भारत का जवाब साफ है पहले आतंकवाद का ढांचा खत्म करो।
विश्लेषक मानते हैं कि आने वाले समय में अगर पाकिस्तान वास्तव में ठोस कदम उठाता है, तभी दोनों देशों के बीच रिश्तों में सुधार हो सकता है। फिलहाल हालात यही संकेत देते हैं कि तनाव की स्थिति बनी रहेगी।
Indian diplomat वैश्विक दबाव और पाकिस्तान की मुश्किलें

भारत की तरफ से उठाए गए मुद्दों को अमेरिका और यूरोपीय देशों जैसे कई बड़े राष्ट्र भी समर्थन देते रहे हैं। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत की भूमिका को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहा जाता है।
वहीं पाकिस्तान की स्थिति लगातार कमजोर हो रही है। फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) जैसी संस्थाओं की निगरानी और बढ़ते वैश्विक दबाव के चलते पाकिस्तान के लिए अब पुराने झूठे नैरेटिव चलाना आसान नहीं होगा। यही वजह है कि भारत का यह बयान और भी असरदार माना जा रहा है।
Disclaimer: यह आर्टिकल संयुक्त राष्ट्र महासभा में दिए गए बयानों और मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है। इसमें व्यक्त विचार संबंधित नेताओं और प्रतिनिधियों के हैं। भविष्य की स्थिति अंतरराष्ट्रीय संबंधों और क्षेत्रीय परिस्थितियों पर निर्भर करेगी।
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