Personal Loan: ज़िंदगी में कई बार ऐसे मोड़ आते हैं, जब कुछ ज़रूरतें अचानक हमारे सामने खड़ी हो जाती हैं कभी बच्चों की पढ़ाई, कभी शादी, कभी मेडिकल इमरजेंसी या फिर बिज़नेस बढ़ाने की चाह। ऐसे समय में अगर जेब साथ न दे, तो Personal Loan एक सशक्त सहारा बन सकता है।
लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि लोन लेने से पहले बैंक से कुछ ज़रूरी बातें पूछ लेना आपको कितनी बड़ी मुश्किल से बचा सकता है? एक छोटी सी लापरवाही आपके सिर पर बड़ा कर्ज़ बनकर सवार हो सकती है।
ब्याज दर को समझना है बेहद जरूरी
जब आप लोन लेने का मन बनाते हैं, तो सबसे पहले जो बात सामने आती है, वो होती है ब्याज दर। यही वो पहलू है जो आपकी EMI और कुल भुगतान राशि तय करता है। Personal Loan लेते समय ये जान लेना जरूरी है कि बैंक आपको फिक्स्ड ब्याज दर दे रहा है या फ्लोटिंग। फिक्स्ड ब्याज दर में आप पूरी लोन अवधि तक एक समान EMI भरते हैं,
जबकि फ्लोटिंग रेट RBI की पॉलिसी के अनुसार बदलती रहती है। यदि रेपो रेट घटता है तो आपकी EMI कम हो सकती है, और बढ़ता है तो बढ़ भी सकती है। इसलिए आपकी मौजूदा और भविष्य की आर्थिक स्थिति के अनुसार सही विकल्प चुनना बहुत ज़रूरी हो जाता है।
Personal Loan की अवधि आपकी जेब को कैसे प्रभावित करती है
Personal Loan की अवधि यानी टेन्योर, आपके मासिक बजट पर बड़ा असर डालती है। अगर आप लंबी अवधि के लिए लोन लेते हैं, तो EMI तो कम हो जाती है, लेकिन कुल ब्याज भुगतान ज़्यादा होता है। वहीं, छोटी अवधि में EMI थोड़ी ज्यादा होगी, लेकिन लोन जल्दी खत्म हो जाएगा। इसलिए ये जानना बहुत जरूरी है कि आपके लिए कौन-सी अवधि सही रहेगी और बैंक आपको किन विकल्पों की पेशकश कर रहा है।
छिपे हुए शुल्क बना सकते हैं सिरदर्द
Personal Loan लेते समय लोग अक्सर सिर्फ ब्याज दर पर ध्यान देते हैं, लेकिन प्रोसेसिंग फीस, प्रीपेमेंट पेनल्टी, लेट पेमेंट चार्ज जैसी बातें नजरअंदाज कर जाते हैं। ये ऐसे शुल्क हैं जो बाद में आपका बजट बिगाड़ सकते हैं। इसलिए बैंक से साफ-साफ पूछें कि लोन के साथ कौन-कौन से अतिरिक्त शुल्क जुड़ेंगे और कब-कब ये लागू होंगे।
लोन सुरक्षित है या असुरक्षित ये जानना भी जरूरी
Personal Loan दो प्रकार के हो सकते हैं सिक्योर्ड (secured) और अनसिक्योर्ड (unsecured)। अगर आपका लोन सिक्योर्ड है तो आपको कोई संपत्ति या गारंटी गिरवी रखनी होगी। इसकी ब्याज दर कम हो सकती है, लेकिन भुगतान न करने पर आपकी संपत्ति खतरे में आ सकती है। वहीं, अनसिक्योर्ड लोन में कोई गारंटी नहीं देनी होती, लेकिन इसकी ब्याज दरें आमतौर पर अधिक होती हैं। अपने जोखिम और ज़रूरत के मुताबिक सही विकल्प चुनना समझदारी है।
क्या समय से पहले लोन चुकाने पर लगेगा जुर्माना
Personal Loan कई बार लोग समय से पहले ही अपना लोन चुकाना चाहते हैं, ताकि ब्याज पर बचत हो सके। लेकिन बहुत से बैंक और एनबीएफसी इस पर प्रीपेमेंट पेनल्टी लगाते हैं। अगर आप भी ऐसा कुछ सोच रहे हैं तो लोन लेने से पहले ही इस बारे में बैंक से पूरी जानकारी लें। इससे आपको आगे चलकर कोई आर्थिक झटका नहीं लगेगा।
सोच-समझकर लिया गया फैसला देता है सुकून
Personal Loan ज़रूरत के समय में राहत तो देता है, लेकिन यह एक ज़िम्मेदारी भी है। अगर आप सही जानकारी के साथ सही निर्णय लेंगे, तो यह आपकी आर्थिक ज़िंदगी को सरल बना सकता है। बस ध्यान रखें कि लोन लेने से पहले हर सवाल का जवाब पक्का कर लें ताकि बाद में कोई पछतावा न हो, सिर्फ सुकून और संतुलन रहे।
Disclaimer: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों और सामान्य बैंकिंग नीतियों पर आधारित है। किसी भी फाइनेंशियल निर्णय से पहले संबंधित बैंक या वित्तीय सलाहकार से व्यक्तिगत रूप से सलाह लेना आवश्यक है। लेख में दी गई जानकारी पर बिना पुष्टि के कोई निर्णय न लें।
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