PM Kusum Yojana: के तहत किसानों को अपने खेत में सोलर पंप, ट्यूबवेल और सौर संयंत्र लगाने के लिए सरकार से सब्सिडी दी जाती है। सबसे बड़ी खासियत यह है कि इस योजना से किसान एक बार निवेश करने के बाद सालों तक मुफ्त में सूर्य की ऊर्जा का लाभ उठा सकते हैं।
किसानों के लिए सुनहरा मौका
PM Kusum Yojana सरकार ने इस योजना के लिए 34,422 करोड़ रुपये का बड़ा बजट तय किया है, ताकि देश के हर राज्य के किसानों तक इसका फायदा पहुंच सके। खास बात यह है कि यह योजना सभी वर्गों के किसानों के लिए है, चाहे वे बड़े किसान हों या सीमांत किसान। इतना ही नहीं, यदि कोई महिला किसान आवेदन करती है, तो उन्हें विशेष रूप से ज्यादा सब्सिडी भी दी जा सकती है।
इस योजना के तीन मुख्य हिस्से हैं
विकेन्द्रीकृत सौर ऊर्जा संयंत्र
स्टैंडअलोन सौर पंप
ग्रिड से जुड़े पंपों का सौरकरण
इन तीनों ही विकल्पों के जरिए किसान अपने खेतों में सौर ऊर्जा का सीधा उपयोग कर सकते हैं और बिजली की समस्या से छुटकारा पा सकते हैं।
पात्रता और सब्सिडी की खास बातें
PM Kusum Yojana में वही किसान आवेदन कर सकते हैं जो भारतीय नागरिक हों और जिनकी आय का मुख्य स्रोत खेती हो। जिन किसानों के पास गरीबी रेखा का राशन कार्ड है या जो सीमांत भूमि पर खेती करते हैं, वे भी इस योजना के तहत लाभ उठा सकते हैं।
PM Kusum Yojana सब्सिडी के मामले में सरकार किसानों को 60% तक की सहायता देती है। यानी किसान को सिर्फ 40% लागत खुद वहन करनी पड़ती है। उदाहरण के लिए, यदि किसी सोलर पंप की कीमत 1 लाख रुपये है, तो किसान को केवल 40 हजार रुपये देने होंगे, बाकी राशि सरकार सब्सिडी के रूप में देगी।
योजना के फायदे
PM Kusum Yojana इस योजना से किसानों को कई बड़े फायदे हो रहे हैं। सबसे पहले, अब उन्हें सिंचाई के लिए बिजली या डीजल की लागत का झंझट नहीं करना पड़ता। दूसरा, खेतों में समय पर और पर्याप्त पानी मिलने से फसल की पैदावार बढ़ जाती है। तीसरा, यह पर्यावरण के लिए भी बेहतर है क्योंकि इसमें प्रदूषण शून्य है। और चौथा, एक बार सिस्टम लग जाने के बाद सालों तक बिना खर्च के सिंचाई होती रहती है।
PM Kusum Yojana योजना का बड़ा लक्ष्य
केंद्र सरकार ने इस योजना के तहत 2026 तक 34,800 मेगावाट सौर ऊर्जा क्षमता स्थापित करने का लक्ष्य रखा है। यदि यह लक्ष्य पूरा हो जाता है, तो देश के अधिकांश किसान न सिर्फ आत्मनिर्भर बनेंगे, बल्कि उनकी खेती भी पूरी तरह तकनीकी और पर्यावरण-हितैषी हो जाएगी।
आवेदन की प्रक्रिया
PM Kusum Yojana आवेदन करने के लिए किसान अपने राज्य के ऊर्जा विकास निगम के जिला कार्यालय में या आधिकारिक वेबसाइट पर जा सकते हैं। वहां से आवेदन फॉर्म भरकर, आवश्यक दस्तावेज जमा करके और पंजीकरण शुल्क अदा करके नाम दर्ज कराया जा सकता है। एक बार वेरिफिकेशन हो जाने के बाद किसान इस योजना के लाभार्थी बन जाते हैं।
PM Kusum Yojana किसानों के लिए एक क्रांतिकारी पहल है। यह न केवल उन्हें सिंचाई के साधन उपलब्ध कराती है, बल्कि उनकी आय और खेती की उत्पादकता में भी बड़ा बदलाव लाती है। आने वाले समय में, यह योजना ग्रामीण भारत की तस्वीर बदलने में अहम भूमिका निभाएगी।
डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी विभिन्न स्रोतों और सरकारी योजनाओं के आधिकारिक विवरण पर आधारित है। योजना से जुड़ी शर्तें, पात्रता और प्रक्रिया समय-समय पर बदल सकती हैं, इसलिए आवेदन करने से पहले आधिकारिक वेबसाइट या संबंधित विभाग से जानकारी अवश्य प्राप्त करें।
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