Saving Account Rule: आज के दौर में बैंक अकाउंट हमारी ज़िंदगी का अहम हिस्सा बन चुका है। मोबाइल से लेकर बिजली बिल तक, हर लेनदेन के लिए बैंक खाता ज़रूरी हो गया है। कई लोग तो एक से अधिक बैंक अकाउंट भी इस्तेमाल करते हैं किसी में सैलरी आती है, किसी का इस्तेमाल बचत के लिए करते हैं, तो किसी का व्यापारिक लेनदेन के लिए। लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि एक व्यक्ति कितने बैंक खाते रख सकता है?
क्या RBI ने इसके लिए कोई सीमा तय की है? अगर आपके मन में भी ऐसे ही सवाल हैं, तो चलिए आपको आसान भाषा में इसका जवाब देते हैं।
हर ज़रूरत के लिए होता है अलग बैंक खाता

बैंकें आजकल ग्राहकों को कई तरह के खातों की सुविधा देती हैं। आप सैलरी अकाउंट खुलवा सकते हैं, जो खासकर नौकरीपेशा लोगों के लिए होता है और इसमें हर महीने आपकी तनख्वाह आती है। इस तरह के खातों में न्यूनतम बैलेंस बनाए रखने की झंझट नहीं होती। वहीं व्यापार करने वाले लोग करंट अकाउंट का इस्तेमाल करते हैं, क्योंकि इसमें लेनदेन की कोई सीमा नहीं होती और यह बिज़नेस के लिए सबसे मुफ़ीद होता है।
सेविंग अकाउंट यानी बचत खाता आमतौर पर सबसे ज़्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला खाता होता है। इसमें आपको जमा राशि पर ब्याज भी मिलता है और यह आपकी रोज़मर्रा की फाइनेंशियल ज़रूरतों को पूरा करने के लिए एकदम सही होता है। इसके अलावा, आप चाहें तो ज्वॉइंट अकाउंट भी खोल सकते हैं, जिसमें आप अपने परिवार के सदस्य या जीवनसाथी को भी शामिल कर सकते हैं।
क्या RBI ने खातों की संख्या पर कोई सीमा तय की है
Saving Account Rule यह एक आम भ्रम है कि एक व्यक्ति को सीमित संख्या में ही बैंक खाते रखने की अनुमति है। लेकिन सच्चाई यह है कि भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने ऐसा कोई नियम नहीं बनाया है जो कहे कि कोई व्यक्ति सिर्फ़ एक या दो बैंक अकाउंट ही रख सकता है। आप अपनी ज़रूरत और सुविधा के अनुसार जितने चाहें उतने सेविंग अकाउंट या अन्य प्रकार के खाते खोल सकते हैं। हां, हर बैंक के नियम अलग-अलग हो सकते हैं, इसलिए खाता खोलते समय संबंधित बैंक की शर्तों को ध्यान से पढ़ना चाहिए।
ज़्यादा खाते तो रखें ये बातें ध्यान में

भले ही Saving Account Rule ने खातों की संख्या पर कोई रोक नहीं लगाई है, लेकिन एक से ज़्यादा खाते संभालना कोई आसान काम नहीं है। आपको हर खाते की जानकारी रखनी होती है कब कौन से खाते में कितनी रकम है, कौन-सा खाता एक्टिव है और किस खाते में न्यूनतम बैलेंस रखना ज़रूरी है। अगर आप इन बातों का ध्यान नहीं रखते हैं तो अनावश्यक चार्जेस और पेनल्टी का सामना करना पड़ सकता है।
इसके अलावा, अगर आप इनकम टैक्स रिटर्न भरते हैं तो सभी खातों की जानकारी देना भी ज़रूरी होता है। ऐसे में अगर आपके पास बहुत सारे बैंक अकाउंट हैं, तो सारी जानकारी एकत्र करना और सही तरीके से रिपोर्ट करना आपके लिए थोड़ा जटिल हो सकता है।
अगर आप सोचते हैं कि क्या एक से ज़्यादा बैंक अकाउंट रखना सही है, तो जवाब है हां, बिल्कुल। लेकिन इसका प्रबंधन भी उतना ही ज़रूरी है। अगर आप अपने सभी बैंक खातों को सही तरीके से संभाल सकते हैं, समय-समय पर अपडेट कर सकते हैं, और बैंक की शर्तों का पालन करते हैं, तो आपको किसी भी तरह की चिंता करने की ज़रूरत नहीं है। RBI ने आपको इस मामले में पूरी आज़ादी दी है।
Disclaimer : यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें दी गई जानकारियाँ सार्वजनिक स्रोतों और रिपोर्ट्स पर आधारित हैं। किसी भी वित्तीय निर्णय से पहले अपने बैंक या किसी वित्तीय सलाहकार से सलाह अवश्य लें।
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