Dussehra: दशहरा 2025 का इंतजार हर साल की तरह इस बार भी खास है। ये सिर्फ रावण दहन या मेले का दिन नहीं बल्कि आस्था और परंपरा से जुड़ा वो पर्व है जब अच्छाई की जीत बुराई पर दर्ज होती है। बचपन से हम सुनते आए हैं कि दशहरे पर दान-पुण्य करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा आती है और घर-परिवार में खुशहाली बसती है। लेकिन सवाल ये है कि आखिर Vijayadashami Donations में क्या दान करें जिससे अपार सुख-समृद्धि मिले और किन चीजों का दान करने से बचना चाहिए? आइए जानते हैं।
विजयादशमी का महत्व और शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को विजयादशमी या दशहरा मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इसी दिन भगवान राम ने रावण का वध किया था और माता सीता को वापस लाया था। ये पर्व बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है। इस बार Dussehra Festival 2025 का उत्सव 2 अक्टूबर को मनाया जाएगा। इस दिन पूजा, हवन और दान का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन किया गया दान अक्षय फल देता है और आपके जीवन से दरिद्रता दूर करता है।
दशहरे पर कौन-कौन सी वस्तुएं करें दान
शास्त्रों के अनुसार विजयादशमी पर जरूरतमंदों और गरीबों को वस्त्र, अन्न और धन देना बेहद शुभ माना जाता है। अगर आप घर में शांति और सुख-समृद्धि चाहते हैं तो सफेद और पीले रंग के कपड़े दान करना लाभकारी होगा। कहा जाता है कि पीले वस्त्र में नारियल बांधकर दान करने से व्यापार में उन्नति होती है।
इसके अलावा, अन्नदान महादान माना गया है। दशहरे के दिन अनाज दान करने से घर का भंडार कभी खाली नहीं होता। साथ ही इस दिन गरीब बच्चों को कॉपी, पेंसिल, किताबें आदि शिक्षा सामग्री दान करना श्रेष्ठ कार्य है। यह न सिर्फ धार्मिक दृष्टि से बल्कि सामाजिक दृष्टि से भी उपयोगी है।
किन चीजों का दान करने से बचना चाहिए
धार्मिक ग्रंथों में कुछ ऐसी वस्तुओं का जिक्र है जिन्हें दशहरे पर दान करना वर्जित माना गया है। लोहे से बने अस्त्र-शस्त्र, नुकीले औजार और चमड़े से बनी चीजें जैसे बेल्ट या बैग का दान नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से घर में नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश करती है और कलह का माहौल बनता है।
इसी तरह हल्दी का दान भी इस दिन टाला जाता है। शास्त्रों में इसे गुरु ग्रह से जुड़ा माना गया है और दशहरे पर हल्दी दान करने से इसका अशुभ प्रभाव हो सकता है। इसलिए इस दिन सिर्फ शुभ और पवित्र वस्तुओं का दान करने की परंपरा निभानी चाहिए।
आधुनिक समय में दशहरे पर दान की परंपरा
आज के दौर में विजयादशमी का दान सिर्फ मंदिरों या धार्मिक स्थलों तक सीमित नहीं है। लोग अब समाज के विकास से जुड़ी चीजों को भी दान में शामिल करने लगे हैं। कोई गरीब बच्चों को शिक्षा सामग्री देता है, तो कोई अस्पतालों में दवाइयां और जरूरतमंद मरीजों के लिए सहयोग राशि। Digital India के दौर में लोग ऑनलाइन दान करना भी पसंद करते हैं जिससे मदद सीधा सही हाथों तक पहुंच सके।
यही वजह है कि आज भी दशहरा उतना ही प्रासंगिक है जितना पहले था। इस दिन सही वस्तुओं का दान करने से परिवार में धन, शांति और समृद्धि बनी रहती है।
विजयादशमी पर दान से बदल सकता है जीवन

Dussehra 2025 केवल त्योहार नहीं बल्कि जीवन को सकारात्मक दिशा देने का मौका है। इस दिन किया गया शुभ दान न केवल धार्मिक दृष्टि से पुण्य देता है बल्कि समाज को भी मजबूत करता है। सही वस्तुओं का दान करने से जहां जीवन में खुशहाली आती है वहीं गलत वस्तुओं का दान करने से नकारात्मकता बढ़ सकती है। इसलिए इस बार दशहरे पर सोच-समझकर दान करें और अपने जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का स्वागत करें।
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों पर आधारित है। इस लेख में बताई गई बातों की पूर्ण पुष्टि नहीं की जाती। किसी भी धार्मिक क्रिया या दान से पहले संबंधित विशेषज्ञ या पुजारी से परामर्श अवश्य लें।
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