Gold Price: हेलो दोस्तों, अगर आप सोने में निवेश करते हैं या इसकी कीमतों पर नज़र रखते हैं, तो आपके लिए एक बड़ी खबर है! सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव के बाद फिर से उछाल देखने को मिल रहा है। अमेरिका में टैरिफ से जुड़ी अनिश्चितताओं और कमजोर आर्थिक स्थितियों के चलते निवेशकों का रुझान सुरक्षित संपत्तियों की ओर बढ़ा है, जिससे सोने की मांग एक बार फिर बढ़ गई है।
मंगलवार को गिरावट के बाद फिर चमका सोना
सोमवार को सोने ने $2,956 का नया रिकॉर्ड हाई बनाया था, लेकिन मंगलवार को मुनाफावसूली के कारण इसमें गिरावट देखने को मिली। इस गिरावट की एक वजह हांगकांग जनगणना और सांख्यिकी विभाग द्वारा जारी आंकड़े भी थे, जिनके अनुसार जनवरी में चीन के सोने के कुल आयात में 44.8% की गिरावट दर्ज की गई।
हालांकि, अमेरिकी बाजार में कमजोर उपभोक्ता विश्वास डेटा के चलते सोने की कीमतों में एक बार फिर उछाल आया। यूएस कॉन्फ्रेंस बोर्ड (CB) कंज्यूमर कॉन्फिडेंस इंडेक्स 7 अंकों की गिरावट के साथ 98.3 पर आ गया, जो अगस्त 2021 के बाद सबसे बड़ी गिरावट थी। इस नकारात्मक रिपोर्ट ने अमेरिकी डॉलर और ट्रेजरी बॉन्ड यील्ड पर दबाव डाला, जिससे सोने की कीमतों को फिर से समर्थन मिला।
टैरिफ से जुड़ी अनिश्चितता ने सोने को मजबूती दी
बुधवार सुबह तक सोने की कीमतें मंगलवार की रिकवरी को बनाए रखने में सफल रहीं, क्योंकि अमेरिका, कनाडा और मैक्सिको के बीच टैरिफ से जुड़ी चर्चाएं अभी भी अनिश्चित बनी हुई हैं। इसके अलावा, संभावित ट्रेड वॉर की चिंताओं ने निवेशकों को सोने की ओर आकर्षित किया है, जिससे इसकी कीमतें स्थिर बनी हुई हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में एक नया ऑर्डर साइन किया है, जिसमें कॉमर्स सेक्रेटरी हॉवर्ड लटनिक को सेक्शन 232 के तहत नए टैरिफ की जांच शुरू करने का निर्देश दिया गया है। यह वही कानून है जिसका उपयोग ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल में स्टील और एल्युमिनियम पर 25% टैरिफ लगाने के लिए किया था। इस फैसले से सोने को सुरक्षित निवेश के रूप में फिर से मजबूती मिली है।
सोने की कीमतों पर भविष्य की संभावनाएं
हालांकि, अमेरिकी डॉलर में हल्की मजबूती और यूएस ट्रेजरी बॉन्ड यील्ड में रिकवरी से सोने की कीमतों में कुछ बाधा आ सकती है। अमेरिकी हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स द्वारा रिपब्लिकन बजट प्लान को मंजूरी दिए जाने के बाद, ट्रंप के टैक्स सुधार योजनाओं को समर्थन मिल सकता है, जिससे डॉलर मजबूत होगा और सोने की कीमतों में गिरावट आ सकती है।
वहीं, अमेरिका-चीन के बीच टैरिफ वार्ता को लेकर उम्मीदें बढ़ रही हैं, जिससे सोने की तेजी पर कुछ असर पड़ सकता है। लेकिन ट्रेड वॉर की चिंताओं के चलते सोने में डिप-बायिंग का सिलसिला जारी रह सकता है।
सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव का सिलसिला जारी है, लेकिन अमेरिकी आर्थिक अनिश्चितताओं और ट्रेड वॉर की आशंकाओं के चलते यह अभी भी निवेशकों की पसंद बना हुआ है। अगर आप सोने में निवेश करते हैं, तो आने वाले दिनों में बाजार की हलचलों पर नज़र बनाए रखें, क्योंकि कीमतें फिर से नए रिकॉर्ड बना सकती हैं।
Disclaimer: यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। सोने की कीमतों से जुड़े किसी भी निवेश निर्णय से पहले वित्तीय सलाहकार से परामर्श लें।
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